उनसे मिलने की जो सोचें अब वो ज़माना नहीं; घर भी उनके कैसे जायें अब तो कोई बहाना नहीं; मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना; माना कि बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
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उनसे मिलने की जो सोचें अब वो ज़माना नहीं; घर भी उनके कैसे जायें अब तो कोई बहाना नहीं; मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना; माना कि बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
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