एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया; वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया; नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास; ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया।
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एक पल में ज़िन्दगी भर की उदासी दे गया; वो जुदा होते हुए कुछ फूल बासी दे गया; नोच कर शाखों के तन से खुश्क पत्तों का लिबास; ज़र्द मौसम बाँझ रुत को बे-लिबासी दे गया।
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