कोई कितनी भी हमदर्दी जता दे कंधे पर हाथ रख दे साथ में आंसू बहा ले कोई काम नहीं आता
खुद का दर्द खुद को ही सहना पड़ता.
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कोई कितनी भी हमदर्दी जता दे कंधे पर हाथ रख दे साथ में आंसू बहा ले कोई काम नहीं आता
खुद का दर्द खुद को ही सहना पड़ता.
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