गिले कागज कि तरह है मेरी ज़िंदगी
कोइ जलाता भी नही और कोई बहाता भी नही
ऐसे अकेले हो गए हैं हम आज-कल
कोई सताता भी नही और कोई मनाता भी नही
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गिले कागज कि तरह है मेरी ज़िंदगी
कोइ जलाता भी नही और कोई बहाता भी नही
ऐसे अकेले हो गए हैं हम आज-कल
कोई सताता भी नही और कोई मनाता भी नही
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