तुम न आए तो क्या सहर न हुई; हाँ मगर चैन से बसर न हुई; मेरा नाला सुना ज़माने ने; एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई। शब्दार्थ: सहर = सुबह बसर = गुजरना नाला = रोना-धोना शिकवा
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तुम न आए तो क्या सहर न हुई; हाँ मगर चैन से बसर न हुई; मेरा नाला सुना ज़माने ने; एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई। शब्दार्थ: सहर = सुबह बसर = गुजरना नाला = रोना-धोना शिकवा
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