तुम ने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी; वो दिया आज भी सीने में जला रखा है; देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार; मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।
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तुम ने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी; वो दिया आज भी सीने में जला रखा है; देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार; मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।
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