तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है; पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है; जिसे मिली न मोहब्बत उसके ज़ख्मो का कोई हिसाब नहीं; ये मोहब्बत पाने वाला भी दर्द से कहाँ दूर है।
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तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है; पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है; जिसे मिली न मोहब्बत उसके ज़ख्मो का कोई हिसाब नहीं; ये मोहब्बत पाने वाला भी दर्द से कहाँ दूर है।
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