लौट जाती है दुनिया गम हमारा देख कर; जैसे लौट जाती हैं लहरें किनारा देखकर; तुम कंधा ना देना मेरे जनाज़े को; कहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊँ तेरा सहारा देखकर।
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लौट जाती है दुनिया गम हमारा देख कर; जैसे लौट जाती हैं लहरें किनारा देखकर; तुम कंधा ना देना मेरे जनाज़े को; कहीं फिर से ज़िंदा ना हो जाऊँ तेरा सहारा देखकर।
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