हम पर जो गुज़री है क्या तुम सुन पाओगे; नाज़ुक सा दिल रखते हो तुम रोने लग जाओगे; बहुत ग़म मिले हैं इस दुनिया की भीड़ में; कभी सुनो जो तुम इन्हें तुम भी मुस्कुराना भूल जाओगे।
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हम पर जो गुज़री है क्या तुम सुन पाओगे; नाज़ुक सा दिल रखते हो तुम रोने लग जाओगे; बहुत ग़म मिले हैं इस दुनिया की भीड़ में; कभी सुनो जो तुम इन्हें तुम भी मुस्कुराना भूल जाओगे।
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