ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो; ज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा हो; कुछ कश्तियाँ डूब जाया करती हैं; ज़रूरी नहीं कि हर कश्ती के नसीब में किनारा हो।
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ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो; ज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा हो; कुछ कश्तियाँ डूब जाया करती हैं; ज़रूरी नहीं कि हर कश्ती के नसीब में किनारा हो।
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