शहर क्या देखें के हर मंज़र में जाले पड़ गए; ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए; मैं अँधेरों से बचा लाया था अपने आप को; मेरा दुख ये है मेरे पीछे उजाले पड़ गए।
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शहर क्या देखें के हर मंज़र में जाले पड़ गए; ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए; मैं अँधेरों से बचा लाया था अपने आप को; मेरा दुख ये है मेरे पीछे उजाले पड़ गए।
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