जब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो; रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो; तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो; शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो!
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जब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो; रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो; तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो; शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो!
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