यादें अगर आँसू होती तो चली जाती; यादें अगर लिखावट होती तो मिट जाती; यादें ज़िंदगी में बसा वो लम्हा हैं; जो लाख कोशिशों के बाद भी लफ़्ज़ों में नहीं सिमट पाती।
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यादें अगर आँसू होती तो चली जाती; यादें अगर लिखावट होती तो मिट जाती; यादें ज़िंदगी में बसा वो लम्हा हैं; जो लाख कोशिशों के बाद भी लफ़्ज़ों में नहीं सिमट पाती।
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