यूँ तो कई बार भीगे बारिश में; मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा; जब आँखों की दीवारें गीली हुई उसकी यादो से; तब ही जाना हम ने बारिश क्या होती है!
Like (0) Dislike (0)
यूँ तो कई बार भीगे बारिश में; मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा; जब आँखों की दीवारें गीली हुई उसकी यादो से; तब ही जाना हम ने बारिश क्या होती है!
Your Comment