समंदर के सफर में इस तरह आवाज़ दो हमको; हवाएं तेज़ हो जायें और कश्तियों में शाम हो जाये; उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो; ना जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये।
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समंदर के सफर में इस तरह आवाज़ दो हमको; हवाएं तेज़ हो जायें और कश्तियों में शाम हो जाये; उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो; ना जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाये।
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