अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय
अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय
मुझे ये डर है तेरी आरज़ू ना मिट जाए; बहुत दिनों से तबियत मेरी उदास नहीं।
नीँद मे भी गिरते है मेरे आँसु,
जब भी तुम ख्वाब मे मेरा साथ छोड देते हो..
मौसम बदलते, बदलती ये परछाईया,
ना बदले कभी ये दोस्ती-यारियां…!!
🙏🙏🙏
हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही..
बडा अजीब होता है ये मोहब्बत का खेल भी.
एक थक जाये तो दोनो हार जाते हैं!!!
जैसे आजकल बारिश के तलबगार हैं सब
ठीक वैसे ही जरुरत मुझे तुम्हारी है
ए चिरागों ना इतराओ तुम खुद पर इतना
तुमसे तेज़ तो हमारे दिल जला करते है
शायरी से भरे पन्नों को छूकर देखा है कभी...
कोई दिल वहाँ भी धड़का करता है.. .
लड़की ढूंढनी होती तो कबकी ढूँढ लेते….
हम तो बादशाह है रानी ही ढूंढेग!.
दिल की आवाज से नगमें बदल जाते हैं.:
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साथ ना दें तो अपने बदल जाते हैं..
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एक समय था जब लोग मौसम का मज़ा लेते थे
आजकल मौसम लोगो का मज़ा लेने लगा हैं
लड़कियां भले ही आईफोन 6 ले ले दोस्तो
पर आना हम लडको के पास मिस कॉल ही है
लफ्ज...अल्फाज...कागज़ और किताब...!
कहां- कहां रखा हमने तेरी यादों का हिसाब...!!
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं; मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं।