ज़िंदगी में कितने भी दुःख मिलें कितने भी गम मिलें; अपने आंसू बह जाने देना उन्हें रोकना मत। क्योंकि . .. ... रुके हुए पानी में ही मलेरिया वाले मच्छर अंडे देते हैं।
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ज़िंदगी में कितने भी दुःख मिलें कितने भी गम मिलें; अपने आंसू बह जाने देना उन्हें रोकना मत। क्योंकि . .. ... रुके हुए पानी में ही मलेरिया वाले मच्छर अंडे देते हैं।
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