ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना कि तुम्हारे आँसू पोंछने वाले तो बहुत से लोग मिल जायेंगे। . .. ... मगर तुम्हारी नाक पोंछने वाला कोई नहीं मिलेगा। इसलिये बच के रहो क्योंकि मौसम ख़राब है और जुखाम हो सकता है।
ज़िंदगी में एक बात हमेशा याद रखना कि तुम्हारे आँसू पोंछने वाले तो बहुत से लोग मिल जायेंगे। . .. ... मगर तुम्हारी नाक पोंछने वाला कोई नहीं मिलेगा। इसलिये बच के रहो क्योंकि मौसम ख़राब है और जुखाम हो सकता है।
नहाना मेरी समझ से परे है - जिस शब्द के आगे न है और पीछे ना है उस पर हाँ करवाने पर ये दुनिया क्यों तुली है।
गर्मी आ गई हैं अपना ख्याल रखना। पानी ज्यादा पीना; खाना कम खाना; और सबसे जरूरी बात; सिर को धूप से बचाना; क्योंकि... . . . . . . भूसे मे आग जल्दी लगती है।
ठण्ड का एक फायदा तो है . . . . . . . . . . गर्मी बिल्कुल नहीं लगती।
हल्की सर्दी का ज़माना है; मौसम भी सुहाना है; 1-2 प्यारे sms तो कर दो; क्या बैलेंस को अगले जन्म तक चलाना है।
वो आज भी सर्दी में ठिठुर रही है दोस्तों; मैंने एक बार बस इतना कहा कि; स्वेटर के बिना कैटरीना लगती हो।
लड़का बस स्टॉप पर खड़ी लड़की से: मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ। लड़की: चल-चल जा कर मुँह धो कर आ। लड़का: भाड़ में जा इतना भी प्यार नहीं करता कि इतनी ठण्ड में मुँह धोने जाऊं।
लगता है भगवान ने आज दबंग फिल्म देख ली है! ऐसा मौसम बनाया है कि लोग कन्फ्यूज हैं कि स्वेटर पहने की रेनकोट।
अगर भीगने का इतना ही शौक है बारिश में तो देखो ना मेरी आँखों में; बारिश तो हर एक के लिए होती है; लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती हैं।
हाय मेरी जान . . . . . . . . . . . . . निकल रही है - सर्दी से!
एक तो मेरी काम वाली की समझ नहीं आती कि मेरे साथ क्या दुश्मनी है! गर्मियों में आती थी तो झाड़ू मारने के लिए पंखा बंद कर देती थी; और अब सर्दियों में पोछा सुखाने के लिए पंखा चला देती है।
क्यों किसी की याद में रोया जाए; क्यों किसी के ख्यालों में खोया जाए; मेरा तो यही कहना है दोस्त; बाहर मौसम बहुत खराब है; क्यों ना रजाई ओढ के सोया जाए!
सुनो गौर से पेप्सी वालो; बुरी नज़र न कोक पे डालो; चाहे जितना लिम्का पिला लो; सबसे आगे होंगे निम्बुं पानी ; हमने पिया है तुम भी पिओ। शुभ गर्मी।
लड़की: मैं तुमसे ब्रेक-अप करना चाहती हूँ। लड़का: यार सर्दी-सर्दी तो रुक जाती।
कभी आप खुले आसमान के नीचे अपनी कमाई रख कर देखिये रात भर नींद नहीं आएगी। सोचिये किसान पर क्या गुज़रती होगी?