क्यों किसी की याद में रोया जाये; क्यों किसी के ख्यालों में खोया जाये; मेरा तो यही कहना है ऐ दोस्त; बाहर मौसम है ख़राब है . . . . . . . . . क्यों ना रजाई ओढ़ के सोया जाये।
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क्यों किसी की याद में रोया जाये; क्यों किसी के ख्यालों में खोया जाये; मेरा तो यही कहना है ऐ दोस्त; बाहर मौसम है ख़राब है . . . . . . . . . क्यों ना रजाई ओढ़ के सोया जाये।
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