जब बारिश हो तो बाहर बैठा करो तुम्हारी किस्मत खुल जाएगी। किस्मत न भी खुली तो क्या हुआ कम से कम . . . . . . तुम्हारी शक्ल ही धुल जाएगी।
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जब बारिश हो तो बाहर बैठा करो तुम्हारी किस्मत खुल जाएगी। किस्मत न भी खुली तो क्या हुआ कम से कम . . . . . . तुम्हारी शक्ल ही धुल जाएगी।
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