जला के ख्वाबों को देखो हमने जिंदगी आसान कर ली
एक मुट्ठी फिर खाख की चुपके से दामन में भर ली

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो

पगली कहती थी कि वो मेरी रग-रग से वाकिफ है,,,
फिर भी मेरे दिल से निकलने का रास्ता नहीं ढुढ़ पाए...

कुछ लड़कियाँ तो इस कदर खूबसूरत होती हैं कि
लड़के अपने मन में ही खुद को रिजेक्ट कर लेते है

सूरत नहीं देखी तेरी अरसे से
बस वो आखिरी बार का मुस्कुरा के मिलना आज भी जीने की वजह है मेरी

देख पगली एक ही शर्त पर खेलूंगा ये इश्क़ की बाजी
मै जीतू तो तुझे पाऊँ और हारू तो तेरा हो जाऊँ

ज़मीं पर रह कर आसमां को छूने की फितरत है मेरी
पर गिरा कर किसी को ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे

अपनी कामयाबी के पिछे इतना दिमाग लगाओ की,दुसरों की निन्दा करने और सुनने का टाइम हीं ना बचे।

अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा

पगली तु हमारे शौख का अंदाजा कया लगाओगी।।
हम तो मोरारी बापु की कथा भी वुफर मे सुनते है।😎😎

किसी का पहला प्यार होना महान हो सकता है लेकिन किसी का आखिरी प्यार होना महानता से भी परे है।

ये तेरे याद के बादल जो बसते हे इन आँखों में काजल की तरह
यूँ बेवजह बरस जाना तो इनकी आदत ना थी

मैं ज़हर तो पी लूँ शौक से तेरी खातिर
पर शर्त ये है कि तुम सामने बैठ कर साँसों को टुटता देखो

तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में शाम ही नहीं होती?

मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ कि वो बेवफा थी
वो उतनी ही वफ़ा, कर सकी जितनी उसकी औकात थी