जो निखर कर बिखर जाये वो कर्तव्य है
और जो बिखर कर निखर जाए वो व्यक्तित्व हैं

प्रेमिका: मैं अभी अभी ब्यूटी पर्लोर से आ रही हूँ! प्रेमी: अरे आज भी बंद था क्या?

सच बोलने में या सुनने में कोई दिक्कत नहीं है
बस हज़म करने में दिक्कत होती है

बुलंदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी
पर गलत राहो से होकर जाऊ इतनी जल्दी भी नही

कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
अगर हमें बिकना ही होता तो आज यूँ तनहा न होते

मैंने उसे कभी हासिल ही नहीं किया
फिर भी हर लमहा लगता है कि मैंने उसे खो दिया

मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम ,
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह

ख्वाईशे कम पड गई तो ख्वाबो को जुटा दीया
कुछ वो लुट गए कुछ हमने खुद लुटा दिया

खुल जाता है उनकी यादो का बाजार हर शाम
फिर अपनी रात उसी रौनक मेँ गुजर जाती है

सुन्दरता को श्रृंगार की जरुरत नहीं होती वह बिना श्रृंगार के ही मन मोहती है।

तुम मेरे पास थे हो और रहोगे सदा
खुदा का शुक्र है यादों की कोई उम्र नहीं होती

बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया

तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है
मैं नहीं रोती लोग मुझे देख कर रोते हैं

भीड़ में खड़ा होना मकसद नही है मेरा
बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वो बनना है मुझे