तेरी मजबूरियाँ भी होंगी चलो मान लेते है
मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का

कुछ इसलिये भी ख्वाइशो को मार देता हूँ
माँ कहती है घर की जिम्मेदारी है तुझ पर

हमारे Facebook की बात मतकर पगली
हमारे Online होने का इंतजार नौ मुल्को की लङकियाँ करती है

जिंदगी को ईतनी सस्ती भी नही बनानी चाहीये
की कोई लड़की आये और खेल कै चली जाये

यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने
कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं

क्या बात है.. सभी बड़े चुप चाप से बैठे हो
कोई बात दिल पे लगी है या दिल लगा बैठे हो.

मोह में हम बुराइयाँ नहीं देख पाते लेकिन घृणा में हम अच्छाइयाँ नहीं देख पाते।

मजबूरियां ओढ़ के निकालता हूँ घर से
वर्ना शौक तो अब भी है बारिशों में भीगने का.

पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों
ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही

जब प्यार आपकी सबसे बड़ी कमज़ोरी हो तो दुनिया में सबसे शक्तिशाली आदमी बन जाओगे।

मोहब्बत ना सही मुकदमा ही कर दे मुझ पर
कम से कम तारीख दर तारीख मुलाक़ात तो होगी

क्या बात है.. सभी बड़े चुप चाप से बैठे हो
कोई बात दिल पे लगी है या दिल लगा बैठे हो.?

तुम जानते हो मेरी जिंदगी की सबसे कीमती चीज क्या हैं
बस इस message का सबसे पहला लफ्ज़

जब महसूस हो कि सारा शहर तुमसे जलने लगा है...
समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा है.....

तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी
अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं