हर चीज़ एक हद तक अच्छी लगती है
लेकिन एक तु ही है जो हद से भी ज्यादा अच्छी लगती है
हर चीज़ एक हद तक अच्छी लगती है
लेकिन एक तु ही है जो हद से भी ज्यादा अच्छी लगती है
निकल रहा था सुबह तक मेरे होठो से खून
रात को इस कदर तेरी तस्वीर को चूमा था मैंने .
हम जिंदगी की भागदौड़ मे इतने लीन हो गए
पता ही नहीं चला गोलगप्पे कब 10 के तीन हो गए
माना की तु किसी बेगम से कम नही
but तेरी baat में तब तक dum नहीं
जब तक तेरे बादशाह हम नहीं
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं.
देखना एक दिन मैं बदल जाऊंगा पूरी तरह
तुम्हारे लिए न सही तुम्हारी वजह से यकीनन
अब तेरा नाम हथेलियों पर नहीं लिखते हम…
कारोबार में सबसे हाथ मिलाना पड़ता है।।
कैसे करूं मैं तुम्हारी यादों की गिनती
कोई अपनी सांसों का हिसाब रख पाया है भला
गर काबिलियत है मोहब्बत के पैमाने आपके लिए
तो नहीं अब मेरी मोहब्बत के क़ाबिल आप
हमारी तो यही पहचान हैं हँसता चेहरा
शराबी आँखे नवाबी शान और दोस्तों के लिए जान
मैंने प्यार के साथ रहने का फैंसला किया है...नफरत सहन करने के लिए बहुत भारी बोझ है।
तेरे पास भी कम नहीं मेरे पास भी बहुत हैं
ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं
भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है
स्याही में थोड़ी सी मेरे अश्कों की मिलावट है
मुझे ढूंढ़ने की कोशिश अब ना किया कर
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंजिल ही बदल डाली
मूझे उसकी ये नादान अदा बहुत भाती है
नाराज़ मुझसे होती है और गुसा सबको दिखाती है