मेरे चेहरे से जो जाहिर है जरा पढके बता
सुना है मेरे दोस्त तू पढा लिखा बहुत है

होठ उसके चेहरे पर कुछ यूँ नजर आते है
दूध मेँ रखी हो जैसे दो पत्तियाँ गुलाब की

तु बदनाम ना हो ईसीलिए जी रहा हु
मै वरना तेरी चौखट पे मरने का ईरादा रोज होता है

हम मतलबी नहीं कि चाहने वाले को धोखा दें
बस हमें समझना हर किसी के बस की बात नही

अच्छा_सुनो.....
मुझे बस इतना बता दो...
.
इंतजार करू या बदल जाऊ तुम्हारी_तरह...
!!
.

खींच लेती है आपकी मोहब्बत मुझे हर बार; वर्ना बहुत बार मिले थे हम आपसे आखरी बार।

उसके हाथ मेँ थे, मेरे खत के हज़ार
टुकङे..... मेरे एक सवाल का वो कितने
जवाब लाई थी

ना समेट सकोगे कयामत तक जिसे तुम
कसम तुम्हारी तुम्हें इतनी मुहब्बत करते हैं

माना की तेरे प्यार का में मालिक नहीं,
पर कीरायेदार का भी कुछ हक्क तो बनता हैं !!

ऐ जिन्दगी! जा कर ढूंढ़, कोई खो गया है मुझसे
वो न मिला तो सुन, तुझे भी ख़ुदा हाफिज

कन्हैया इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो

द्वेष को द्वेष से नहीं बल्कि प्रेम से ही समाप्त किया जा सकता है; यह नियम अटल है।

ये नक़ाब तुम्हारे झुठ का उतरेगा जिस दिन खुद से नज़रें मिलाने को तरसोगे उस दिन !!

प्रत्येक प्रेमकथा सुंदर ही होती है
और हमारे वाली मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।

मुझ मैं कुछ भी नहीं हैं तुम्हारे सिवा
तुम चाहो तो मेरी साँसों की तलाशी ले लो....!!