मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना

मेरे जनाजे में सारा शहर निकला मगर कम्खत वोह ना निकली
जिसके लिए मेरा जनाजा निकला था

पगली कहती थी कि वो मेरी रग-रग से वाकिफ है,,,
फिर भी मेरे दिल से निकलने का रास्ता नहीं ढुढ़ पाए...

एक पेड़ से लाखो माचिस की तीलिया बनाई जा सकती है
पर एक माचिस की तिल्ली से लाखो पेड़ भी जल सकते है

एक बेटा अपने वृद्ध पिता को रात्रि भोज के लिए एक अच्छे रेस्टॉरेंट में लेकर गया
खाने के दौरान वृद्ध और कमजोर पिता ने कई बार भोजन अपने कपड़ों पर गिराया
रेस्टॉरेंट में बैठे दुसरे खाना खा रहे लोग वृद्ध को घृणा की नजरों से देख रहे थे लेकिन वृद्ध का बेटा शांत था
खाने के बाद बिना किसी शर्म के बेटा वृद्ध को वॉश रूम ले गया
उसके कपड़े साफ़ किये उसका चेहरा साफ़ किया उसके बालों में कंघी की उसे चश्मा पहनाया और फिर बाहर लाया
सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे
बेटे ने बिल पे किया और वृद्ध के साथ बाहर जाने लगा
तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने बेटे को आवाज दी और उससे पूछा
क्या तुम्हे नहीं लगता कि यहाँ अपने पीछे तुम कुछ छोड़ कर जा रहे हो
बेटे ने जवाब दिया- नहीं सर मैं कुछ भी छोड़ कर नहीं जा रहा
वृद्ध ने कहा- बेटे तुम यहाँ छोड़ कर जा रहे हो प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा (सबक) और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद (आशा)

हमने समंदर पे राझ किया है
ईसि लिए लोग सङको पे महफुज है

दिल मेँ बुराई रखने से बेहतर है
अपनी नाराजगी जाहिर कर दो

सुनो तुम क्युँ मरते हो मुझ पे
मैँ तो जिन्दा ही तुम से हुँ

बीवी भी हक़ जताती है माँ भी
शादी क्या हुई हम तो कश्मीर हो गए

भले ही अपने जीगरी दोस्त कम हैं
पर जीतने भी है परमाणु बम हैं

ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया

कोई इल्जाम रह गया हो तो वो भी दे दो
हम पहले भी बुरे थे अब थोड़ा और सही

मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते

कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है
ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है

सांसों ने छुआ जिस दिन से तेरी सांसों को
मेरी रातों की नींद हड़ताल पर चली गई