जीने के लिए तेरी याद ही काफी है; इस दिल में बस अब आप ही बाकी है; आप तो भूल गए हो हमें अपने दिल से; लेकिन हमें आज भी आपकी तालाश बाकी है।

यादों का ये कारवा हमेशा रहेगा; दूर जाते हुए ही प्यार वही रहेगा; मत कहना मिल नहीं सके आपसे; यकीन रखना आँखों में इंतज़ार वही रहेगा!

तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे हैं; तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे हैं; तू एक नज़र हम को देख ले बस; इस आस में कब से बेकरार बैठे हैं।

उसके इंतज़ार के मारे हैं हम; बस उसकी यादों के सहारे हैं हम; दुनिया जीत के करना क्या है अब; जिसे दुनिया से जीतना था उसी से हारे हैं हम।

ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशान बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुलो रही आँखें; अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें!

उसने कहा अब किसका इंतज़ार है; मैंने कहा अब मोहब्बत बाकी है; उसने कहा तू तो कब का गुजर चूका है मसरूर ; मैंने कहा अब भी मेरा हौसला बाकी है!

कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है; जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है; तेरे चेहरे की उदासी बता रही है; मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!

तड़पती है आज भी रूह आधी रात को; निकल पड़ते हैं आँख से आँसू आधी रात को; इंतज़ार में तेरे वर्षों बीत गए सनम मेरे; दिल को है आस आएगी तू आधी रात को।

इस इंतज़ार की घडी को पल-पल की बेक़रारी को लफ़्ज़ों में बयां कैसे कर दूँ; मखमली एहसाँसों को रेशमी जज़्बातों को अल्फ़ाज़ों में बयां कैसे कर दूँ।

होंठ कह नहीं सकते जो फ़साना दिल का; शायद नज़रों से वो बात हो जाए; इस उम्मीद से करते हैं इंतज़ार रात का; कि शायद सपनों में ही मुलाक़ात हो जाए!

ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें; अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें।

उदास आँखों में करार देखा है; पहली बार उसे इतना खुश और बेक़रार देखा है; जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की; उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है।

जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता; मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता; काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त; फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।

जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे; याद उन्हे दिन रात किया करते थे; अब उन राहों से गुजरा नही जाता; जहाँ बैठ कर उनका इंतज़ार किया करते थे।

जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे; याद उन्हें दिन रात किया करते थे; अब उन राहों से गुजरा नहीं जाता; जहाँ बैठकर उनका इंतज़ार किया करते थे!