हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये
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जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन
सके ll

किसी शायर से कभी उसकी उदासी की
वजह पूछना
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दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार
हो जायेगा

बिखरे अश्कों के मोती हम पिरो न सके; तेरी याद में सारी रात सो न सके; मिट न जाये आँसुओं से याद; यही सोच कर हम रो न सके।

वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई; उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई; आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा; मज़ाक हमसे हवा कर गई!

वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई; उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई; आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा; मज़ाक हमसे हवा कर गई !

उन हसीन पलों को याद कर रहे थे; आसमान से आपकी बात कर रहे थे; सुकून मिला जब हमें हवाओं ने बताया; आप भी हमें याद कर रहे थे।

आँखों को अश्क का पता न चलता; दिल को दर्द का एहसास न होता; कितना हसीन होता जिंदगी का सफ़र; अगर मिलकर कभी बिछड़ना न होता!

ज़िंदगी में कोई ख़ास था; तन्हाई के सिवा कुछ न पास था; पा तो लेते ज़िंदगी की हर ख़ुशी; पर हर ख़ुशी में तेरी कमी का एहसास था।

तड़प उठते है उन्हें याद करके; जो गए है हमे बर्बाद करके; अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है; कि रो लेते है बस उन्हें याद करके!

ज़ख्म मोहब्बत में हमने खाए हैं; चिराग उनकी राहों में जलाए हैं; हर होंठ पर हैं वो गीत मेरे; जो उनकी याद में हमने गाए हैं।

ये ज़िंदगी बिन तेरे भी कट जाएगी; पर कुछ कमी तो जरुर रह जाएगी; कल को तड़पाएगी तो कभी तरसाएगी; हर लम्हा जब भी तेरी याद आएगी।

कब तक खुद को रोक पाएगी; बिना मेरे न वो रह पाएगी; मैं बस जाऊंगा उसकी यादों में इस तरह; कि फिर वो दूसरों को याद करना भूल जाएगी।

क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा; अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा; हम कौन सा किसी के लिए ख़ास हैं; क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा।

हम तो अपने दिल से किसी की याद मिटाते नहीं; इतनी बेरुखी से किसी को भुलाते नहीं; पर अपनी तक़दीर ही ऐसी है; हम लाख चाहकर भी किसी को याद आते नहीं।

मेरी आँखें तेरे दीदार को तरसती हैं; मेरी नस-नस तेरे प्यार को तरसती हैं; तू ही बता दे कि तुझे बताएं कैसे; कि मेरी रूह तक तेरी याद में तड़पती है।