यु ही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले
कब लौटकर आते है जाने वाले
यु ही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले
कब लौटकर आते है जाने वाले
खुद को अच्छा बना लीजिये
दुनिया से एक बुरा इंसान कम हो जाएगा
क्या कहूँ कितना मुश्किल है
जिसके लिए जीना, उसी के बगैर जीना
इतनी मोहबत करूँगा की तु खुद कहेगी
की देख वो जा रहा मेरा आशिक़
आज दिल में बेचैनी कुछ जादा हो रही है
तुम जहाँ भी हो ठीक तो हो न
काश ये मोहब्बत ख्वाब सी होती,
.
बस आँख खुलती और किस्सा खत्म ।
ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया
शेरों को कहना नया शिकारी आया हैं,
या तो हुकूमत छोड़ दे या जीना..
जो मैं रूठ जाऊँ तो तुम मना लेना,
कुछ न कहना बस सीने से लगा लेना।
हमदर्दियाँ जनाब अब काटती हैं मुझे
खामखा मिज़ाज न पुछा करे कोई
दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।
तेरी लवली eyes ने मुझपे जो effect किया है
मेने सब को reject कर के तुझे select किया है
इस तन्हा रात में अजीब सी बात है, लाख
ना चाहने पर भी याद तू आती है !!
ऐ राम तेरे युग का रावण ही अच्छा था
दस चेहरे थे पर सब सामने तो थे..!!
हमे सिंगल रेहने का शौक नही
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही