गैरों के साथ तेरा हँसना मुझे अच्छा नहीं लगता
लोग जिसे बंदिश कहते हैं वो मेरे प्यार करने का तरीका है

अगर मेरी शायरियो से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
में दर्द बाटने के लिए लिखता हु दर्द देने के लिए नही

मैं तो फ़ना हो जाता हूँ अपनी आँखों में उनका अक्स देखकर
वोह ना जाने कैसे अपनी आँखे आईने में देखती होगी

जिस जिस ने मुहब्बत में अपने महबूब को खुदा कर दिया
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया

💕💕 रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर..
लोगो के मुह पे राम नाम था..
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था..💕💕

अब तो सजाएं बन चुकीं है गुजरे हुए वक्त की
यादें ,
.
ना जानें क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते
है लोग

अजीब सी दास्तां है मेरी भी शब्द लिखता हूँ फिर मिटाता हूँ
और कई लोग तो तब तक पूरी शायरी ही लिख डालते है

गुफ्तगुँ करते रहा कीजिए,
यही इंसानी फितरत है।
वरना बंद मकानों में
अक्सर जाले लग जाते हैं...।
💕☝

मुझ से रह रह कर कहती हैं हांथों की लकीरें मेरी
वो तो मेरा तब भी नहीं था जब उसका हांथ मेरे हांथों में था

हमारा ‪‎बस‬ चले तो हम उसे अपने ‎जुतो‬ के पास खडा कर दे
लेकिन क्या करु कंबख्त‬ हम जुते भी ‪Branded‬ पहनते हैं

मोबाइल के एक फोल्डर में तेरी तस्वीरें इकठ्ठा की है मैंने
बस इसके सिवा और ख़ास कुछ जायदाद नहीं है मेरी

शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते

लब पे शिकवा न ला अश्क पी ले जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
अब उखड़ने को है गम का डेरा किस के रोके रुका है सवेरा

कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों

मुझे कुछ अफ़सोस नहीं कि मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था