आज कल अपना लास्ट सीन तक छुपा लेते हे लोग
दिल क्या ख़ाक दिखायेंगे

जो तालाबों पर चौकीदारी करते हैँ
वो समन्दरों पर राज नहीं कर सकते

हो जाता है जैसे पत्थर से खुदा कोई
ऐसे वो मेरा खुदा होकर पत्थर हो गया

बस एक ख़्वाहिशें ही तो बस में मेरे,
वरना लकीरों पर मेरा ज़ोर कहाँ ।।

जिंदगी में सबसे ज्यादा दर्द दिल टूटने पर नहीं
यकीन टूटने पर होता है

गुम है मेरी आँखों से नींद आज भी,
याद करके वो समय,
कट जाती है रात आज भी ।।

हम तो अब भी खडे है तेरे इनतजार मे,
उसी राह मे बेसबब बेइनतहा मोहब्बत लिए..

एक बार फिर से निकलेगे तलाश ऐ इशक मे दुआ
करो यारो इस बार कोई बेवफा ना मिले

कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!

तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी
नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़ककर

मोहब्बत के हवाले से बहुत जालिम हो तुम ,
तोड़ देते हो मुझें अपने वादें की तरह

"मेरा एक हाथ पूरी दुनिया से लडने के लीये काफी है..
एकबार तू दूसरा थामकर तो देख..."

जिन्दगी से हम अपनी..कुछ उधार
नहीं लेते !
कफन भी लेते हैं तो अपनी
जिंदगी देकर..!!

जिनकी शायरियों में ददँ हौता हे ,वो शायरनही किसी बेवफा का दीवाना होता है "
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शेर को सवा शेर कही ना कही जरुर मिलता है,
और रही बात हमारी तो हम तो बचपन से ही शिकारी है..