मैं तो शायरी सुना के अकेला खड़ा रहा
और सब अपने अपने चाहने वालो मे खो गये

चूल्हे नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गये हैं अब उठता नहीं धुआँ

तेरे दिल तक पहुँचे मेरे लिखे हर लब्ज
बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकड़ते है

अगर मोहब्बत नही थी तो बता दिया होता
तेरे एक चुप ने मेरी ज़िन्दगी तबाह कर दी

कुछ ऐसे हादसे भी होते हैं जिंदगी में
इंसान बच तो जाता है पर जिंदा नहीं रहता

जीने की तमन्ना तो बहुत है मुझे....
मगर कोई आता ही नहीं जिंदगी में जिंदगी बनकर....

एक स्टिंग मेरे दिल का भी हो जाता...
तुम्हें पता तो चलता, कितना प्यार है तुमसे❤

कोशिश के बाद भी जो मुकम्मल ना हो सके,
तेरा नाम भी उन्ही ख्वाहिशों में शामिल है !!

पगली तेरी मोहब्बत ने मेरा यह हाल कर दिया है
मैँ नही रोता लोग मुझे देख के रोते है

खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाऊँगा
वरना मुसाफिर खुद्दार हूँ यूँ ही गुज़र जाऊँगा

गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख
जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है।

रात पूरी जाग कर गुजार दूं तुम्हारी खातिर
एक बार कह के तो देखो कि तुम्हे भी मेरे बिना नींद नहीं आती

मै मज़बूत बहोत हु
लेकिन पत्थर नहीं….।।

तुम्हारी औकात इतनी नही कि
ए हमारा तेवर झेल सको

रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये