हम ने चलना छोड़ दिया अब उन राहों में
टूटे वादों के टुकड़े चुभते है अब पांवो में

कुछ बनना है तो शौक से बनो
पर एक ख्याल रखना भीड़ का हिस्सा मत बनना
हाँ जिसके लिए भीड़ जुटे वो किस्सा बनना

जब भी होती है गुफ्तगु खुद से
तेरा जिक्र जरूर आता है

हो अगर कोई गिला तो मुझसे कहो
यूँ चुप रह कर इम्तेहान न लो

वो जो औरों को बताता है जीने के तरीके ,
खुद मुट्ठी में मेरी जान लिए फिरता है .

कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया
जब कोई अपना कहता है तुम याद आ रहे हो

छू ना सकूं आसमान तो ना ही सही दोस्तों
आपके दिल को छू जाऊं बस इतनी सी तमन्ना है

अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा

आरज़ू होनी चाहिये किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं ..
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को,
याद वही आते हैं, जो उड़ जाते हैं ….!

यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे.,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.!
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?

ना मेरा प्यार कम हुआ ना उनकी नफरत
अपना अपना फर्ज था दोनों अदा कर गये

कहना बहुत कुछ है अल्फाज़ जरा कम हैं
खामोश से तुम हो गुमसुम से हम हैं

सोच रखी है बहुत सी बाते तुम्हें सुनाने को
तुम हो की आते ही नहीं हमे मनाने के लीए

सुनो तुम तो कहती थी कि मैं तुम्हारी जिऩ्दगी हूँ
चलो अब ये बताओ कि मुझसे बिछड़ कर जिऩ्दा कैसे हो

💕💕 रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर..
लोगो के मुह पे राम नाम था..
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था..💕💕