कांटों पर चलने वाले अपनी मंजिल पर जल्दी पहुँचते हे
क्योंकि कांटे कदमो की रफ्तार बढ़ा देते हे

कोई नया जखम नही दिया उसने
पता करो वो ठीक तो हे

कुछ तो बेवफाई मुझमे भी है
जिंदा हुँ मे तेरे बगैर

मुद्दतो बाद उस लापरवाह ने, हाल पूछ के बेहाल कर दिया..

यु ही उम्मीद दिलाते है ज़माने वाले
कब लौटकर आते है जाने वाले

माना कि जीत की आदत है मग़र
रिश्तों में हार जाना बेहतर होता है

दिल की उम्मीदों का हौंसला तो देखो
इंतजार उसका जिसको अहसास तक नहीं

तुम्हारे पास ही होगा, जरा फिर से ढुंढो
मेरे सीने से दिल आखिर गया कहा

कहानी‬ खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे, ‪तालियाँ‬ बजाते बजाते..

तुम मेरे रास्तों को नहीं मोड़ सकते
क्यों की मैं मोड़ पर ही रास्ता बनाता हूँ

इक बात हमेशा‪ ‎याद‬ रखना छोरी तुम्हारे जीतने‪ सौख‬ है
उतनी तो मेरी‪ आदतें‬ है

शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते

रिश्ते सच्चे हो तो ज्यादा संभालने नही पड़ते और
जिन रिश्तों को ज़्यादा सम्भालना पड़े वो सच्चे नही होते...

हमारी किसी बात से खफा मत होना, नादानी से हमारी नाराज़ मत होना. पहली बार चाहा है हमने किसी को इतना, चाह कर भी कभी हमसे दूर मत होना..

न आह सुने दी न तड़प दिखाई दी..
फ़ना हो गए तेरे इश्क में बड़ी ख़ामोशी के साथ..!