बातें झोंकों के साथ हवा में जल्द ही फैल जाती हैं; ज़रा संभल के बोलना लौटती है तो रूप बदल के आती हैं।

स्वयं में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिये हमें सच्चाई अच्छाई और ईमानदारी का पालन करना होगा।

दो पल की जिंदगी है इसे दो ही असूलों पर गुजार दो। रहो तो फूलों की तरह वर्ना . .. ... बिखरो तो खुशबु की तरह।

जिस चीज़ को आप प्यार करते हैं उसे बढ़ावा दीजिये बजाये उसके कि जिसे आप नफरत करते हैं उसे कोसते रहें।

हो सकता है कि आपके माता-पिता सम्पूर्ण न हो लेकिन वह आपके लिए भगवान का दिया हुआ सबसे कीमती तौफा है।

दूसरों को देखकर तुम्हें भी दुःख होता है तो समझ लो; भगवान ने तुम्हें इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की।

सत्य के मार्ग पर इंसान दो गलतियां कर सकता है। एक तो सफर पूरा नहीं करना और दूसरा शुरू ही नहीं करना।

किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।

खुश रहा करें क्योंकि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नहीं होती बल्कि आज का सुकून भी चला जाता है।

अगर दूसरों को दुखी देख कर आपको भी दुःख होता है तो समझ लो कि भगवान ने आपको बना कर कोई गलती नहीं की है।

जो जिसके मन में है वह उससे दूर रहकर भी दूर नहीं है; जिसके मन में नहीं है वह समीप रहकर भी समीप नहीं है।

नेकी से विमुख हो बदी करना निस्संदेह बुरा है। मगर सामने मुस्काना और पीछे चुगली करना और भी बुरा है।

कोई भी किसी को आसानी से नुक्सान पंहुचा सकता है लेकिन हर व्यक्ति औरों के साथ अच्छा नहीं कर सकता है।

जन्म देती है पालती है और बोलना सिखाती है औरत। ऐ मर्द अफसोस तुम्हारी गाली में भी उसी का नाम होता है।

बुद्धि ये जानना है कि आगे क्या करना है योग्यता ये जानना कि कैसे करना है और नैतिकता उसे करने में है।