ज़मीन से उठाकर दिल में बैठा लिया; नज़रों में समां कर पलकों में सजा दिया; इतना प्यार दिया आपने हमकों कि; मेरे बिखरे शब्दों को कविता बना दिया।

वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए
कभी तो समझो मेरी खामोशी को
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें

तुम्हे ढुँढे मेरी नज़र इन्हे समझाऊँ कैसे..
तेरा आशिक हुँ तुझे बताऊँ कैसे..
इन्कार से तेरे डरता हुँ ..
बेपनाह प्यार है तुझसे दिखाऊँ कैसे..

दूरियो से फ़र्क नही पड़ता है बात तो दिलो की नज़दीकियो से होती है
दिल के रिश्ते तो किस्मत से बनते है वरना मुलाक़ात तो जाने कितनो से होती है

लड़के की जमकर पिटाई करने के बाद लोगो ने
लडकी और उसकी स्कूटी को उठा कर पूछा कहीं चोट तो नहीं लगी
लडकी- नहीं रोज का काम है स्कुटी सीख रही हूं

हवा के झोंकों का हिसाब क्या रखना
जो निकल जाए वक्त उसे याद क्या रखना
बस यही सोच कर हंसता हूं मैं
के अपने गमों से दुनिया को उदास क्या रखना

कोई रिश्ता नया या पुराना नहीं होता,
जिन्दगी का हर पल सुहाना कितना होता,
जुदा होना तो किस्मत की बात है..
पर जुदाई का मतलब भूलाना नहीं होता

जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता
हर रोने वाला तो गमगीन नही होता
एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा
अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता

संगे मरमर की तू बात न कर मुझसे..!!
मैं अगर चाहूँ तो एहसास-ऐ-मोहब्बत लिख
दु..!!
ताज महल भी झूक जाएगा चूमने के लिए...!!
में जो एक पथर पे
“Tera Naam " लिखदु....!!

मिलने आऐंगे आपसे खवाबो में,
ज़रा रोशनी के दीये बुझा दीजीऐ..
आब ओर नहीं होता इंतजार आपसे मुलाकात का,
आपनी आँखों के पर्दे ज़रा गिरा दीजीऐ

ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगा
तेरे हाथों में जिसका नसीब होगा
कोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहीं
लेकिन तुम जिसको चाहो वो खुशनसीब होगा

प्यार ना दिल से होता है ना दिमाग से होता है प्यार तो इत्तेफ़ाक़ से होता है मगर प्यार करके प्यार ही मिले ये इत्तेफ़ाक़ भी किसी किसी के साथ होता है।

तुजे दिल से जुदा कभी होने नहीं देंगे हाथ हमारा कभी छोड़ने नहीं देंगे
तेरी मुस्कान ही इतनी प्यारी हे की हम मर भी जाये पर तुजे रोने नहीं देगे

घांव इतना गहरा है बयां क्या करे
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें
अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे

खुशबु ने फूल को एक एहसास बनाया
फूल ने माली को कुछ खास बनाया
चाहत ने मोहब्बत को एक प्यार बनाया
मोहब्बत ने कितनों को पारो और देवदास बनाया