ख़ज़ाने में थे सिर्फ़ दो आँसु मेरे
जब याद आयी आपकी तो वो भी लूट गए
ख़ज़ाने में थे सिर्फ़ दो आँसु मेरे
जब याद आयी आपकी तो वो भी लूट गए
चुइंगम की तरह चबाया करूं नाम तेरा
न हलक से उतरे न फेंकने का मन होय
काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती
तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते
99% यकिन था कि तू मेरा नही होगा पर
उस 1% ने मुझे किसी का होने भी नही दिया
ऐ दिल सोजा अब तेरी शायरी पढ़ने
वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है
मैं अपने दुश्मन के भी गले लग जाऊँ
शर्त ये है वो तुझसे मिलकर आया हो
मेरी हर बात को उल्टा समझ लेते है वो
अब के पूछे तो कहना हाल बेहतर है
तुम ने देखी नही फुलो की वफा
वो जीस पर खीलते हे उसी पे मुरजा जाते हे
जल गया अपना नशेमन तो कोई बात नहीं
देखना ये है कि अब आग किधर लगती है
सुलूक-ए-बेवफाई तो हम भी कर सकते हे जान
पर तू रोये ये हमे गवारा नही ।
मै बहता पानी हूँ।।
तुम मेरा रास्ता बदल सकते हो,
मेरी मंज़िल नही।
कोई इल्जाम रह गया हो तो वो भी दे दो
हम पहले भी बुरे थे अब थोड़ा और सही
जब भी मौका मिलेगा ना, तो ,, जिस्म पे नही सीधे घाव पर वार करुंगा..... ((मा कसम))
न देखूँ तो भी बेचैनी देख लूँ तो भी बेचैनी
ये तेरा दीदार WhatsApp के blue tick जैसा
बता दो हमे भी ऐ दोस्त
जाग रहे हो किसी की याद मे या फिर अभी तक सोए नही