तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्किल है..
तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्किल है..
बुजदील हम नही जो पीछे से वार करते है
अरे हम तो वो है जो शेर को भी जगा कर शिकार करते है
वो ढूँढ रहे थे हमसे दूर जाने के बहाने..
मेने सोच खफा होके उनकी मुश्किले आसान कर दूँ..
इतिहास में जाके सुन लेना हमारी कहानी
खून बहाया इतना नही था जितना नदियों में पानी
मज़हब दौलत ज़ात घराना सरहद ग़ैरत खुद्दारी
एक मुहब्बत की चादर को कितने चूहे कुतर गए
तेरे दीदार की तलाश में आते है तेरी गलियों में ...
वरना आवारगी के लिए पूरा शहर पड़ा हे ।
क्या बटवारा था हाथ की लकीरों का भी
उसके हिस्से में प्यार मेरे हिस्से में इंतज़ार
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले
कलाई ना पकड़ा करो बहुत बार कहा हैं तुमसे
बात चूड़ियों की नहीं जज्बात मचल जाते हैं
हासिल करके तो हर कोई मोहब्बत कर सकता है
बिना हासिल किए किसीको चाहना कोई हमसे पूछे
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग
कुछ इस कदर बुनेंगे अपनी तकदीर के धागे
कि अच्छे-अच्छों को भी झुकना पङेगा हमारे आगे
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की
पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशे भी बेवफा निकली
अखलाक से ही पहेचान होती है इंसानो की
महेंगे कपडे तो पुतले भी पहनते है दुकानों में
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर..
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं…