मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो
दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो ना हो
दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं
करेगा जमाना कदर हमारी भी एक दिन देख
लेना...
बस जरा ये भलाई की बुरी आदत छुट जाने दो...
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है
लोग बेवजह ढूँढते हैँ खुदखुशी के तरीके हजार
इश्क करके क्यूं नहीँ देख लेते एक बार
न जाने क्योेें कोसते हैं लोग बदसूरती को
बर्बाद तो अक्कर हसीन चहरे किया करते हैं
जा रहा हूं दुनिया से तो कुछ लिख कर
जाते है
.
अपनी हथेली पर माँ लिख कर कब्र में सो
Photo खींचने का शौख नही है मुजे पर क्या करु
मेरी परी को मेरा Photo देखें बीना नींद नहीं आती
कितनी फिकर है क़ुदरत को मेरे तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिये..
हद से बढ चुका है आपका नजर-अंदाज करना,,
ऐसा सलूक ना करो के हम भूलने पर मजबूर
हो जाए...!!
मत पूछ ईमानदारी का हाल इस दुनिया में ऐ ग़ालिब
ईमान बेचकर ईमानदार बनते है लोग यहाँ
अजीब मुकाम पर ठहरा है काफिला जिंदगी का
सुकून ढूँढ़ने चले थे और नींद ही गँवा बैठे
हो जा मेरी कि इतनी मोहब्बत दूँगा तुझे
लोग हसरत करेंगे तेरे जैसा नसीब पाने के लिए
सरकार ढूंढ-ढूढ कर सिर्फ काले धन वालो को ही पकड़ रही है
काले मन वाले निश्चिन्त रहें
गुज़ारिशें थक न जायें कहीं मिन्नते करते करते
कभी तो दुआ की तरह आके तू थाम ले मुझे