कमीनेपन की तो बात ना कर दोस्त
में उनमे से हूँ जो मछली को भी डुबो डुबो के मारता हे
कमीनेपन की तो बात ना कर दोस्त
में उनमे से हूँ जो मछली को भी डुबो डुबो के मारता हे
नींद आए या ना आए चिराग बुझा दिया करो
यूँ रात भर किसी का जलना, हमसे देखा नहीं जाता
आज दिल बहुत रो रहा है तेरे बिना
अब तो मुड के देख क्या हो गई हैं जिन्दगी तेरे बिना
इक बात हमेशा याद रखना छोरी तुम्हारे जीतने सौख है
उतनी तो मेरी आदतें है
मुझे ब्रेकअप की बस एक वजह चाहिए थी....
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और वो पगली टिफिन में मेरे लिए मैगी ले आई
अपने वजुद में इतना तो यकीन है मुझे कि
कोई दूर तो हो सकता है मुझसे पर भूल नही सकता
एक बेबफा के जख्मो पे मरहम लगाने हम गए
मरहम की कसम मरहम न मिला मरहम की जगह मर हम गए
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते है
ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का
नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है
यूं अकड मे रहना बंद कर दें वो तो प्यार है तूजसे
वरना गरज तो किसी के बाप की भी नहीं
तुम मेरी जिंदगी मे ऐसे शामिल हो..
जैसे मंदिर के दरवाजे पर बंधे हुए मन्नत के धागे...
दिल खोल कर इन लम्हों को जी लो यारों
जिंदगी अपना इतिहास फिर नहीं दोहरायेगी
अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना,
अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते…
ऐ मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा पर तुझे
इंसानो की तरह बदलने का हुनर आज भी नहीं आता ..
यकीनन तुमने सिर्फ दिल तक दस्तक दी होगी
रुह तक पहुंचने वाले कहाँ दर्द देतें हैं