घर से निकलते थे मां के हाथों बनी रोटी लेकर
आज सड़क किनारे चाय तलाशती हैं जिंदगी

मोहब्बत नहीं है नाम सिर्फ़ पा लेने
का,,,
बिछड़ कर भी अक्सर दिल
धड़कता है साथ -साथ !!"

प्यार मोहब्बत आशिकी ये बस अल्फाज थे
मगर जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले

दिल‬ खोल कर इन लम्हों को जी लो यारों,
जिंदगी‬ अपना ‪इतिहास‬ फिर नहीं दोहरायेगी!

आज भी लोग हमारी इतनी इज्जत करते हैं
हम जिसे मेसेज करते हैं वो सर झुकाकर पढ़ते हैं

जुदा होने का शोक भी पूरा कर लेना मेरे हमदम
लगता हे तुझे हम जिंदा अच्छे नहीँ लगते

उसे कह दो अपनी ख़ास हिफाज़त किया करे
बेशक साँसें उसकी हैं मगर जान तो वो हमारी है

छोङो ना यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ
किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ

गुजर गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझे..
अब तू खुदा भी बन जाये तो भी तेरा सजदा ना करू..

कितनी अजीब हैं मेरे अन्दर की तन्हाई भी
हजारों लोग अपने हैं मगर याद तुम ही आते हो

आज फिर बैठा हूँ हिचकियों के इन्तिज़ार में.
देखूं तो सही तुम कब मुझे याद करते हो ।।

साँवरिया थोङा सा ही सही तुम जो प्यार जता दो
सुखी पङी दिल की जमीन पर बारिश हो जाये

हीरो बनने के लीये जीगर की जरुरत
पडती है और जब
जीगर हो तो भरी बनघुक
का कया काम ...!!

वैसे दुश्मनी तो हम चिटी से भी नहीं करते
लेकिन बीच में आया तो शेर को भी नहीं छोडते

रिश्ते खराब होने की एक वजह ये भी है
कि लोग अक्सर टूटना पसंद करते है पर झुकना नहीं