मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए वर्ना
जिस पर प्यार का असर नही हुआ उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा

कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों

छोरी यै तॊ हमारी चाहत थी जॊ तुझे मशहूर कर गयी
वरना तॆरा नाम तॊ गॊलगप्पॆ की रॆहङी पै भी लिखन जॊगा ना था....!!

मेरे पापो की सजा कुछ इस कदर बढ़ गयीं है कि
मैं कभी तनहा नहीं रहता अब लोगो कि बद्दुआयें हमेशा साथ रहती है

जब जेब में रुपये हो तो दुनिया आपकी औकात देखती है
और जब जेब में रुपये न हो तो दुनिया अपनी औकात दिखाती है

मैने खुदा से पुछा कि क्यूँ तू हर बार छीन लेता है मेरी हर पसंद
वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद

तुम्हें जब कभी मिलें फ़ुर्सतें मेरे दिल से बोझ उतार दो
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो

जीने का तरीका काश वो फूटपाथ पे खेल रहा बच्चा मुझे सिखा दे
ना जाने भूखा पेट लेकर कैसे मुस्कुरा लेता हैं

फुर्सत नहीं इंसान को घर से
मंदिर तक आने की..
और,
ख्वाहिशे रखता है
शमशान से सीधा स्वर्ग
तक जाने की..!

मैं मशहूर होके भी क्या करूँ ए दोस्त इस बस्ती में
मेरे सारे ख्वाब बहा दिए मैंने रख के एक डूबती कश्ती में

सफल लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा अवसर तलाशते रहता है
और वही असफल लोग कहते है इससे भला मेरा क्या फायदा

मुझसे उलझने से पेहले मेरे दोस्तो के बारे मे जान लोगे तो अच्छा होगा
एक ही बार मारते है लेकीन फाड देते है

हमारे हौसले को अपनी सोच से नापने की कोशिश न कर
क्यों की जहाँ पर तुम ख़त्म होते हो वहां से हम शुरू होते हैं

मिला है धोखा पूरा यकीं था उनके आँसुओं ने पर पैदा किया भ्रम था
भ्रम टूटा भी तो तब फिर जीना चाहने लगे थे जब

मोहब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिख लो
मजबूरियों का सहारा लेकर किसीको छोड़ देना वफादारीनही होती