मंजिले कितनी भी ऊँची हो,
पर रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है....
मंजिले कितनी भी ऊँची हो,
पर रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है....
मेरे आँसुओ की गवाही ना लेना
तेरे ज़ुल्मो की कहानी बिखर जायेगी
दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।
कोन केहता है मौत आएगी तो डर जाऊंगा
Mp 18 का rider हू कट मार के निकल जाऊगा
इस तन्हा रात में अजीब सी बात है, लाख
ना चाहने पर भी याद तू आती है !!
अफवाह थी कि मुझें इश्क हुआ है
लोगों ने पूछ पूछ कर आशिक बना दिया
हमे सिंगल रेहने का शौक नही
हमारा तेवर झेल सके वो आज तक मिली नही
आज दर्द कुछ इस तरह से हो रहा है
कम्बख्त जैसे फिर कभी होगा ही नही
ना तुमने आवाज़ दी ना मैंने मुड़ के देखा
ख़ामोशी चलती रही दरम्यां !!
जहासे तेरी बादशाही खत्म होती है वहासे मेरी नवाबी सुरु होती हे ।
वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा
मैंने कहा बस "अपना" कहकर पुकार लो
यूँ ही रूठे रहना तुम हम से
कसम से तुम रूठे हुये भी अच्छे लगते हो...
ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ;
पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल!
शक़ करके बर्बाद होने से तो
भरोसा करके लुट जाना ज्यादा बेहतर है
सूनो मेरे किस्से में तुम आते हो
मेरे हिस्से में क्यूँ नहीं आते