सब्र एक ऐसी सवारी है जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती
ना किसी के क़दमों में और ना किसी के नज़रों में

कभी हम पर वो जान दिया करते थे
जो हम कहते थे मान लिया करते थे
अब पास से अनजान बनकर गुज़र जाते हैं
जो कभी दूर से ही हमे पहचान लिया करते थे

कुछ लिख नहीं पाते कुछ सुना नहीं पाते
हाले दिल ज़ुबां पे ला नहीं पाते
वो उतर गये हैं दिल की गहराईयों में
वो समझ नहीं पाते हम समझा नहीं पाते

छोटी छोटी बातें दिल में रखने से
बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं

मौजूद थी उदासी अभी तक पिछली रात की
बहला था दिल ज़रा सा की फिर रात हो गई

अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी हैं
सवाल भी खुद का रहता है और जवाब भी खुद का

तेरी मजबूरियाँ भी होंगी चलो मान लेते है,....
मगर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का...

रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर

सूखे पत्तों की तरह बिखेरा था मुझे ज़माने ने
एक शख्स ने मुझे इकट्ठा किया और आग लगा दी

मरने वाले तो एक दिन बिन बताए मर जाते है
रोज़ तो वो मरते है जो खुद से ज़्यादा किसी को चाहते हैं

पहचान कफन से नहीं होती है दोस्तों
लाश के पीछे का काफिला बयां कर देता है रूतबा किसी हस्ती का है

कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं कोई बेवफा नही होता
टटोल कर देखो अपने दिल को हर फासला बेवजह नहीं होता

💕💕 रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर..
लोगो के मुह पे राम नाम था..
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था..💕💕

मत रो मेरे दिल चुप हो जा हुआ सो हुआ
वो जो प्यार में होता है एतबार में होता है तेरे साथ भी ऐ यार यार मेरे वही तो हुआ

वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है
दोस्तो कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं