सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने;हसीन जिस कि जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने;हसीन जिस कि जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।
अपने हसीं होंठों को किसी चीज़ से छुपा लिया करो; हम गुस्ताख लोग है नज़रों से चूम लिया करते हैं!
चमन में जा के हम ने ग़ौर से औराक़-ए-गुल देखे; तुम्हारे हुस्न की शरहें लिखी हैं इन रिसालों में।
हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है; तब शायरी पर बहार आती है! पीके महबूब के बदन की शराब; जिंदगी झूम-झूम जाती है!
ये किसका ढलक गया है आंचल; तारों की निगाह झुक गई है; ये किस की मचल गई हैं ज़ुल्फ़ें; जाती हुई रात रुक गई है।
क्या ग़ज़ल सुनाऊँ तुझे देखने के बाद; आवाज़ दे रही है मेरी ज़िंदगी मुझे; जाऊं या ना जाऊं मैं तुझे देखने के बाद।
नज़रें झुकी तो पैमाने बने; दिल टूटे तो मैख़ाने बने; कुछ तो जरुर ख़ास है आप में; हम यूँ ही नहीं आपके दीवाने बने।
आँखें नीची है तो हया बन गई आँखें ऊँची है तो दुआ बन गई आँखें उठ कर झुकी तो अड़ा बन गई आँखें झुक कर उठी तो कदा बन गई!
इक अदा आपकी दिल चुराने की इक अदा आपकी दिल में बस जाने की; चेहरा आपका चाँद सा और एक ज़िन्दगी हमारी उस चाँद को पाने की!
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो; जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो; किस लिए देखती हो आईना; तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
तरस गए आपके दीदार को फिर भी दिल आप ही को याद करता है; हमसे खुशनसीब तो आइना है आपका; जो हर रोज़ आपके हुस्न का दीदार करता है।
देखी हैं कई महफिलें ये फ़िज़ा कुछ और है; देखे हैं जलवे बहुत ये अदा कुछ और है; पिए तो बहुत जाम हैं हमने पर आपका नशा कुछ और है।
खुदा ने जब तुम्हें बनाया होगा; उसके दिल में भी सकून आया होगा; पहले सोचा होगा तुम्हें अपना लूँ; फिर उसे मेरा ख्याल आया होगा।
रात गुम सुम है मगर खामोश नही; कैसे कह दूँ आज फिर होश नही; ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में; हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।
प्यार है हमको आपसे इस कद्र! जागते है इंतज़ार में अब तो हर पहर! आपके दीदार से होती है हर सहर! और आपके खुमार में उठती है प्यार की लहर!