फूल खिलता है खिल के बिखर जाता है
यांदें रह जाती है लेकिन वक्त गुजर जाता
फूल खिलता है खिल के बिखर जाता है
यांदें रह जाती है लेकिन वक्त गुजर जाता
खो गई वो प्यासी नज़र मेरी तड़प कर ढूंढा करती नज़र तेरी
जाने कहाँ जाने कहाँ
आज तोहफा लाने निकले थे शहर में तेरे लिए
कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला
मनुष्य के अस्तित्व की समस्या के लिए प्रेम ही एकमात्र संतोषजनक जवाब है।
ना छोड़ना मेरा साथ ज़िन्दगी में कभी
शायद मैं ज़िंदा हूँ तेरे साथ की वजह से
किसी की यादों में नही लिखता हूँ
हाँ लिखता हूँ तो किसी की याद जरूर आती है
वो जब याद करेगी मेरी पागल सी चाहत को
रोऐगी बहोत फीर से मुजे पाने के लीये
मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते
प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुणा प्रभावशाली और स्थायी होती है।
मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते
मैं कैसे उस शख्स को रुला सकता हूँ
जिस शख्स को मैंने खुद रो-रो कर मांगा हो
सब कुछ मुझ को तुझे चाहने के बाद
अब क्या खुदा से मांगू तुझे माँगने के बाद
काश वो दिन अब और जल्दी आये
जब मन की आखो से अच्छी तरह से तुम्हे निहार सकूं
ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है
ना मेरा प्यार कम हूवा ना उस की नफ़रत,
अपना अपना फ़र्ज़ था दोनो अदा कर गये.