दीपक बोलता नहीं उसका प्रकाश परिचय देता है। ठीक उसी प्रकार आप अपने बारे में कुछ न बोलें अच्छे कर्म करते रहें बस वही आपका परिचय देंगे।

कर्म तेरे अच्छे हे तो किस्मत तेरी दासी है
नियत तेरी अच्छी है तो घर तेरा मथुरा कशी है

मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है; पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से ही उड़ान होती है।

असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो; क्या कमी रह गयी है उसे देखो और सुधार करो; जब तक न हो सफल नींद-चैन को तुम त्याग दो; संघर्ष करो आखिरी दम तक यूँ न मैदान छोड़ कर तुम भाग जाओ।

क्या बनाने आये थे क्या बना बैठे; कहीं मंदिर बना बैठे कहीं मस्जिद बना बैठे; हमसे तो जात अच्छी है परिंदों की; कभी मंदिर पर जा बैठे तो; कभी मस्जिद पर जा बैठे।

मेरी मंजिल मेरे करीब है इसका मुझे एह्सास है; गुमान नहीं मुझे इरादों पे अपने; ये मेरी सोच और हौंसलों का विश्वास है।

बुझी शमा भी जल सकती है; तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है; होकर मायूस ना यूँ अपने इरादे बदल; तेरी किस्मत कभी भी खुल सकती है।

निगाहों में मंज़िल थी; गिरे और गिर कर संभलते रहे; हवाओं ने बहुत कोशिश की; मगर चिराग आंधियों में भी जलते रहे।

जिंदगी में कुछ ऐसा मुकाम हासिल करने की कोशिश करो कि लोग आपका नाम फेसबुक पे नहीं गूगल पर ढूढें।

जो सफर की शुरुआत करते हैं; वो ही मंज़िल को पार करते हैं; एक बार चलने का हौंसला रखो; मुसाफिरों का तो रास्ते भी इंतज़ार करते हैं।

ससुराल में जमाई की इतनी इज्जत क्यों होती है क्योंकि वह जानते है कि यही वह व्यकित है जिसने हमारे घर के तूफ़ान को संभाला हुआ है

प्यार करने वाले मरते नही मार दिए जाते हैं
हिंदू कहते हैं मारदो इन्हे मुस्लिम कहते हैं दफ़ना दो इन्हे
पर कोई ये क्यूँ नही कहता की मिला दो इन्हे

खुशियां मिलती नहीं मांगने से; मंज़िल मिलती नहीं राह पर रुक जाने से; भरोसा रखना खुद पर और उस खुदा पर; सब कुछ देता है वो सही समय आने पर।

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का न खुद रहो उदास न दूसरों को रहने दो

कह दो मुश्किलों से थोड़ा और कठिन हो जायें; कह दो चुनौतियों से थोड़ा और कठिन हो जायें; नापना चाहते हो अगर हमारी हिम्मत को तो; कह दो आसमान से थोड़ा और ऊपर हो जाये।