हमें यह बताया जाना चाहिए कि हमें किसी कार्य को करने के लिए प्रेरणा की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। कर्म से हमेशा प्रेरणा का जन्म होता है। प्रेरणा से कभी कभी ही कर्म का जन्म होता है।

​मैं अकेली हूँ लेकिन फिर भी मैं हूँ​ ​मैं सब ​कुछ नहीं कर सकती लेकिन मैं कुछ तो कर सकती हूँ और सिर्फ इसलिए कि मैं सब कुछ नहीं कर सकती मैं वो करने से पीछे नहीं हटूंगी जो मैं कर सकती हूँ।

छाता बारिश को तो नहीं रोक सकता पर बारिश में खड़े रहने का हौंसला ज़रूर देता है; इसी तरह आत्मविश्वास सफलता की गारंटी तो नहीं देता पर सफलता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरणा अवश्य देता है।

बुझने लगी हों आँखें तेरी चाहे थमने लगे रफ़्तार; उखड़ने लगी हों साँसे तेरी दिल करता हो चित्कार; दोष विधाता को ना देना बस मन में रखना तुम अपने आस; विजयी बनता है वही जिसके पास हो आत्मविश्वास।

तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया; क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता; कुत्ते भोंकते हैं अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए; मगऱ जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बंयाँ करता है।

खूबसूरत तस्वीरें निगेटिव से तैयार होती हैं और वो भी अँधेरे कमरे में। इसलिए आपके जीवन में जब भी अंधकार नजर आये - तो समझ लीजिए कि ईश्वर आपके भविष्य की सुंदर सी तस्वीर का निर्माण कर रहा है।

यार कल रात घर देर से पहुचा बेल बजाई पर बीबी ने दरवाजा खोला ही नही पूरी रात सडक पर गुजारी
दोस्त : फिर सुबह बीबी की खबर ली के नही
नही यार सबेरे याद आया बीबी तो मायके गई है और चाबी तो जेब मे थी

मुश्किल नहीं इस दुनिया में कुछ भी; फिर भी ना जाने क्यों लोग अपनी डगर छोड़ देते हैं; हो अगर हौंसला कुछ कर गुज़रने का ज़िंदगी में; तो यह ज़मीन के पत्थर क्या आसमान के सितारे भी रास्ते से हट जाते हैं।

छाता बारिश को तो नहीं रोक सकता परन्तु बारिश में खड़े रहने का हौसला अवश्य देता है। इसी प्रकार आत्म विश्वास सफलता की गारंटी तो नहीं देता परन्तु सफलता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा अवश्य देता है।

करे कोशिश अगर इंसान तो क्या-क्या नहीं मिलता; वो सिर उठा के तो देखे जिसे रास्ता नहीं मिलता; भले ही धूप हो काँटे हों राहों में मगर चलना तो पड़ता है; क्योंकि किसी प्यासे को घर बैठे कभी दरिया नहीं मिलता।

इंसान ने वक़्त से पूछा मै हार क्यों जाता हूँ? वक़्त ने कहा धूप हो या छाँव हो काली रात हो या बरसात हो; चाहे कितने भी बुरे हालात हो मै हर वक़्त चलता रहता हूँ इसीलिये मैं जीत जाता हूँ तू भी मेरे साथ चल तो कभी नहीं हारेगा।

बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद

कुछ उजाले की चकाचौंध से डरते हैं कुछ अँधेरे में परछायिओं से डरते हैं
हम भी हैं तनहा अपनी रहबर निहारते पर जाने क्यूँ आपकी अंगडायिओं से डरते हैं
कुछ को ख्वाब देख के जीने की आदत है कुछ को मैखाने में पीने की आदत है
हम हैं परेशां दीवानापन की आदतों से पर जाने क्यों शादी की शहनाईयों से डरते हैं
इंतजार कर रहा हूँ जुश्तजू जो है इज़हार भले ही न करूँ आरज़ू तो है
कुछ मोहबत में किस्से सुने हैं ऐसे हम अभी से आपकी तनहायिओ से डरते हैं