तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

महक होती तो तितलियाँ जरूर आती,
कोई रोता तो सिसकियाँ जरूर आती,
कहने को तो लोग मुझे बुहत याद करते है,
मगर याद करते तो हिचकियाँ जरूर आती..!!

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा मेरी शोहरत का हुआ
नाम नहीं लेती मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उस पर दौलत का हुआ

ना जीने की खुशी ना मरने का गम
बस तुमसे मिलने की दुआ करते है हम
जीतें है इस आस पर एक दिन तुम आओगे
मरते इसलिए नहीं क्युँकी अकेले रह जाओगे

वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है
दोस्तो कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं

हवा के झोंकों का हिसाब क्या रखना
जो निकल जाए वक्त उसे याद क्या रखना
बस यही सोच कर हंसता हूं मैं
के अपने गमों से दुनिया को उदास क्या रखना

प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता,
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता,
इस फुल को कभी टूटने मत देना,
क्योकि टूटा हुआँ फुल वापीस नहीँ खिलता.

जिन्‍दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम क्‍या हमसे भी अच्‍छे हजार मिलेगें
इन अच्‍छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी "सूर्य ग्रहण" तक कहते हैं लोग!

मत मुस्कुराओ इतना की फूलो को खबर लग जाये
हम करें आपकी तारीफ और आपको नजर लग जाये
खुदा करे बहुत लम्बी हो आपकी जिंदगी
और उस पर भी हमारी उम्र लग जाये

नहीं बन जाता कोई अपना यूँ हीं दिल लगाने से
करनी पड़ती है दुआ रब से किसी को पाने में
रखना संभाल कर ये रिश्ते अपने
टूट ना जायें ये किसी के बहकाने से

आरज़ू होनी चाहिये किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं ..
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पंछियों को,
याद वही आते हैं, जो उड़ जाते हैं ….!

यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे.,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे.!
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या ?
वो मुस्कुरा के बोले … पहले तुम्हारे थे क्या .?

लोग हमेंशा मुजसे पुछते है भाई तु कभी भी स्माईल नहि करता क्यों
मै भी ans मे कह देता हू जीस दिन ईस भाई ने स्माईल कर दि ना
उस दिन तेरी वाली भी तुजे भाई हि कहेगी

वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता।