सुबह के फ़ूल खिल गए; पंछी अपने सफ़र पे उड़ गए; सूरज आते ही तारे छुप गए; क्या आप भी मीठी नींद से उठ गए। सुप्रभात!

रात की तन्हाई में तो हर कोई याद कर लेता है ए दोस्त; सुबह उठते ही जो याद आये दोस्ती उसे कहते हैं। सुप्रभात!

प्यार हुआ और दिल टूट गया; जिंदगी का मनोबल छूट गया; यह सब सच नहीं है; बस आँख खुली और सपना टूट गया। सुप्रभात।

हर सुबह कुछ ख़ास हो; आँखों में थोड़ी आस हो; सपने जो देखे रात में; हो जायें सच ऐसा खुशनुमा एहसास हो। सुप्रभात!

चाहते तो हैं कि हर रोज़ सुबह आपको अनमोल खज़ाना भेजूं; पर मेरे दामन में दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं। सुप्रभात!

सुबह के फूल खिल गए; पंछी अपने सफ़र पे उड़ गए; सूरज के आते ही तारे छुप गए; क्या आप भी मीठी नींद से उठ गए! सुप्रभात!

रात ढली चाँद थका समय ने ली अँगड़ाई है; प्रकृति के हर कण में जीवन भरने अब स्वर्णिम किरणे आई हैं। सुप्रभात!

सोया रहने दे मेरे दोस्त को यूँ नींद के ठंडे आग़ोश में; कहीं वो उठ ना जाए ऐ सूरज ज़रा ठहर के निकलना। सुप्रभात!

हर फूल मुबारक हो तुमको; हर बहार मुबारक हो तुमको; शायद कल हम रहे न रहें; पर हर दिन मुबारक हो तुमको। सुप्रभात!

हर दिन की शुरुआत हो; मेरा प्यार मेरे साथ हो; आपके हाथ में मेरा हाथ हो; और मेरी हर सुबह आपके साथ हो। सुप्रभात।

नैनो के काजल से; महकती बहार से; इस गुल-ए-गुलज़ार से; दिल के हर तार से; बड़े ही प्यार से; कहते हैं आपको सुप्रभात ।

मधुरम् मधुरम् प्रातःकाले शीतलम् शीतलम् पवनः ऊष्णम् ऊष्णम् ऊष्णोदकम् सर्वे जनाः कथयन्ति शुभ प्रभातम्!

उजाला काफी हो चुका है; उस शमा को बुझा दो; एक हसीं सुबह राह देख रही है आपकी; बस पलकों को हलके से उठा दो। सुप्रभात!

प्यारी सी मधुर निंदिया के बाद; रात के कुछ सपनों के साथ; सुबह की कुछ उम्मीदों के साथ; आपको प्यार भरा सुप्रभात।

प्यारी सी मधुर निंदिया के बाद; रात के कुछ सपनों के साथ; सुबह की कुछ उम्मीदों के साथ; आपको प्यार भरा सुप्रभात।